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अप्रैल 26, 2009 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

आतंक की परिभाषा क्या है ?

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थोड़ी देर पहले खबर आई कि पीएमके अध्यक्ष रामदौस प्रभाकरण को आतंकवादी नहीं मानते।राजीव का कातिल है वो..पीएमके अध्यक्ष रामदौस प्रभाकरण को आतंकवादी नहीं मानते।मुझे याद है पत्रकारिता पढ़ाने वाली भारत सरकार की एकमात्र संस्था में जब प्रवेश परीक्षा दे रहा था ..आतंकवाद के प्रश्न के जवाब में लिख रहा था। मैंने लिखा था आतंकवाद की परिभाषा सीमा दर सीमा बदल जाती है।मैं शायद इसलिए फेल कर दिया गया।लेकिन आज जिस तरह के बयान हमारे कर्णधार दे रहे हैं उससे यही लगता है कि प्रभाकरण उन्ही के बीच का है, बस सीमा का फर्क है।प्रभाकरण श्रीलंका को खोखला कर रहा है जबकि उसके हितैषी उसके भाई हमारे देश को खोखला कर रहे हैं।ज़रा ध्यान दीजिए इच्छा जताइये कि एंटी इकम्बेंसी फैक्टर काम आए और विपक्षी सरकार बनाए फिर इन मंत्रियों की पोल खुलेगी कि पांच साल में इन्होने क्या गुल खिलाए कितने सेंट किट्स मामले बनाए...खैर ये एक अलग विषय है इस पर फिर कभी।लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल उठता है कि हम दोहरे मापदंड क्यों अपनाते हैं। एक तरफ हम श्रीलंका को अस्थीर देखना चाहते हैं, दूसरी तरफ हम पाकिस्तान से उम्मीद करते हैं कि वो उन आतंकवादियों को पन