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लालू यादव ने गांधी मैदान में कैसे जुटाई भीड़ ?

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# दो बातें आपको बता दूं आगे कुछ गालियों का प्रयोग है तो आपका 18 साल होना मेरे लिए नहीं आपके लिए जरुरी है और दूसरा मैंने अपने घर की भाषा का प्रयोग किया है तो उससे ये न समझियेगा कि ब्लॉगर की हिंदी कमजोर है ऐसा इसलिए नहीं है क्योंकि मैं कॉन्वेंट में नहीं पढ़ा। पटना का गांधी मैदान यूं तो लालू जी से भली भांति परिचित रहा है पंद्रह साल तक जिस आनन्द के साथ उन्होंने बिहार पर शासन (या रौंदा-ज्यादातर लोग यही कहते हैं ) किया, उसकी रवानगी से वो भली भांति परिचित रहा है लेकिन, आज जिससे नया साक्षात्कार हुआ वो था उनका पिछवाड़ा।मुंह न चिकोटिए मैं अगर ये शब्द कह रहा हूं तो इसके मायने भी आपको समझा सकता हूं तभी लिख रहा हूं, लालू से मेरा बचपन ऐसा जुड़ा है कि उनकी एक एक रवायत मुझे मुजवानी याद है। मैं एक छोटे से कस्बे जयनगर में पल बढ़ रहा था, उस वक्त मेरी खेलने खाने की ही उम्र थी। स्कूल से लौटते वक्त किसी ने कहा जगनाथ मिश्रा (उच्चारण पर न जाएं बच्चे थे) तो डाक बंगला पर बोलता था पांचो ठो आदमी नहीं जुटता ललूआ आया है खूब भीर है, चलेगा रे सुनने उसको ? साले सुनने जा रहा है कि उसका उरनखटोला देखने जा रहा है हैल

ट्रम्प और भारत की चुनौतियां

बहुत से विश्लेषक मान कर चल रहे हैं कि डोनाल्ड ट्रंप के सबसे शक्तिशाली देश के राष्ट्रपति बनने के बाद कुछ ऐसे बदलाव देखने को मिलेंगे जो न तो अमेरिका की प्रकृति से मेल खाते होंगे न वहां रह रहे अल्पसंख्यकों के लिए बेहतर होगा। लेकिन क्या लोकतंत्र का हिमायती अमेरिका में ट्रंप और उनकी सरकार के लिए इतना आसान होगा ? उनके राष्ट्रपति बनने की प्रक्रिया अर्थात् उनके शपथ लेते वक्त भी मिश्रित भाव में ही सही लेकिन विश्व के हर कोने में ऐसी आशंकाएं जाहिर की जा रही थी कि ट्रंप हर परंपरा को बदलने वाले हैं.उन तमाम फैसलों को बदलने वाले हैं जो उनके पूर्ववत् अमेरिकी आकाओं ने लिए हैं।शपथ ग्रहण के तुरंत बाद मीडिया में ऐसी तस्वीर उभारी गई की बस अब ट्रंप्म सबकुछ बदलने वाले हैं. ट्रप्म ने कुछ फैसले लिए भी जो ओबामा के समय में ही कम विवादित नहीं रहा ओबामा बमुश्किल ऐसे फैसलों पर सहमति बना सके या फिर अपने सार्वभौम आदेश ‘ वीटो ’ का प्रयोग किया.कुछ मायने में ऐसे फैसलों पर रिपब्लिकन राय पहले से ही जुदा थी और ऐसी उम्मीद थी भी कि ट्रप्म अगर राष्ट्रपति बनते हैं तो ये फैसले बदले जाएंगे...कुछ बदले भी गए और आने वाले दिनों